अंग्रेजो से जड़ी के बाद से ही भारत में राजशाही खतम हो गई थी और डेमोक्रेसी आ गई थी |इस दौरान किसी भी राज्य में किसी राजा का शासन य हुकुम नहीं चलेगा जनता अपने मन से अपना मिनिस्टर चुनती हैं |लेकिन भारत म अभी तक कुछ ऐसे राज्य हैं जहा राजा हैं हालाँकि वे वह राज नहीं करते हैं परन्तु अपने राजा को मानते जरूर हैं |
ऐसी ही हैं जयपुर की महारानी पद्मिनी देवी|इन्होने एक इंटरविएव के दौरान बताया की वे भगवान राम के वंशक हैं |तो आइये आज हम आप को इनके बारे बड़े ही विस्तारब से बताते हैं |
आप को बतादे की जयपुर के पूर्व राजा महाराज भवानी सिंह जो की महारानी पद्मिनी देवी के पति थे और महाराज भवानी सिंह भगवान् राम के बेटे कुश के 309 वे वंशज थे | महाराज की मृत्यु के बाद से ही जयपुर घराने को महारानी पद्मिनी देवी उनके बेटे के द्वारा सब कुछ संभाल रही है |
आज भी जयपुर की जनता राजपरिवार की तरह मानती हैं |
मानसिंघ जी का जन्म 21 अगस्त 1912 को हुआ था. उन्होंने तीन शादियां की थी। पहली शादी 12 साल की उम्र में जोधपुर के महाराजा सुमेर सिंह की बहन मरुधर कंवर से हुई थी. उन्होंने फिर दूसरी शादी 1932 में पहली पत्नी की भतीजी किशोर कंवर से की. तीसरी शादी 1940 में गायत्री देवी से की.